लिखना एक कला है और लिखावट को पढ़ना उससे भी बड़ी कला है। यूं तो ऐसे बहुत से व्यक्ति हैं जो दूसरों के पत्रों और लेखों को सरलता से पढ़ लेते है, परन्तु यह पढ़ना वास्तविक अर्थों में पढ़ना नहीं कहलाता।
वास्तव में पढ़ना तो तब है जब हम किसी की लिखावट को देखकर लेखक के व्यक्तित्व और चरित्र को पढ सकें। उसकी लिखावट हमें बताती है कि उस व्यक्ति का चरित्र, स्वभाव तथा मनोदशा किस प्रकार की है। इस विज्ञान को लेखन विज्ञान ( Graphology) कहते हैं।
इसके द्वारा किसी का चरित्र जान लेना असंभव नहीं है। यह ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपके मन मे सच्ची लगन, आत्मविश्वास, कुछ सरल नियमों की जानकारी और सूक्ष्मदर्शी विवेचन शक्ति होनी चाहिए।
आइए, अब हम पहले लिखे गए अक्षरों के आधार पर व्यक्ति के चरित्र का विश्लेषण करें
1. बड़े अक्षर - बड़े और मोटे अक्षर लिखने वाला व्यक्ति इस बात का संकेत देता है कि उसे बड़ी शानदार वस्तुओ से मोह है। वह उच्च कोटि का रहने सहन पसंद करता है। शान से जीना उसके जीवन का लक्ष्य है।
2. छोटे अक्षर- छोटे अक्षर इस बात के परिचायक है कि उन्हें लिखने वाला व्यक्ति स्वभाव से सतर्क और सावधान है। वह अपव्ययी कदापि नहीं है। ये लोग शांति का जीवन जीना पसंद करते हैं, इसीलिए लड़ाई - झगड़े से दूर रहते हैं। स्वभाव मे भी विनम्र होते हैं।
3. आनुपातिक अक्षर - जिस व्यक्ति के अक्षर न छोटे हो और न बड़े हो, तो इससे ज्ञात होता है कि लेखक को व्यवस्था एवं अनुशासन पसंद है। वह घर तथा ऑफिस में प्रत्येक कार्य नियम से चाहता है। साफ सफाई की ओर विशेष ध्यान रखता है।
ज्योतिषाचार्य
निधि भारद्वाज ( एम.ए ज्योतिष )