नाक का अध्ययन करते समय सबसे पहले उसके आकार पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसका हमारी बुद्धि के साथ गहरा संबंध है।
यदि नाक बड़ी, सामान्य तथा सुगठित हो तो उससे इस बात का आभास मिलता है कि व्यक्ति में कितनी शासकीय क्षमता है।
प्राय: नेताओ एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों की नाक सुंंदर अनुपात में विकसित होती है जो उनके साहस, सूझ- बूझ तथा जीवन में प्रगति करने की क्षमता का परिचय देती है। यदि नाक चेहरे से अधिक बाहर निकली होती है तो वह इस बात का संकेत देती है कि मनुष्य अवसर के अनुसार अपनी रीतियों- नीतियों में भी परिवर्तन कर लेता है। वह किसी सिद्धांत या मान्यता से चिपककर नहीं बैठता।
यदि नाक छोटी हो तो निश्चय में कुछ कमी और चरित्र को कुछ क्षति पहुंचती है। यदि वह बिल्कुल सामान्य हो तो उसकी कल्पना शक्ति अधिक दुर्बल होगी। ऐसे व्यक्ति में अपने विचारों को नया आकार देने की क्षमता कम होती है।
बड़ी और ऊंची उठी हुई नाक जन्मजात नेता की होती है। ऐसी नाक प्रायः पुरूषों में पाई जाती है। यह उन्नति की लालसा, अधिकार तथा हठीलेपन की घोतक है।
कुछ व्यक्तियों की नाक की नोक तक बिल्कुल सीधी होती है। नथुने भी बड़े होते हैं। ऐसे लोग प्राकृतिक सौंदर्य एवं कला के प्रेमी होते हैं। ये अपनी रूचि के कार्यों में बड़े कुशल होते हैं, परन्तु अपनी कलात्मक रूचि और योग्यता के विपरित कार्य करने को सरलता से तत्पर नहीं होते।
ज्योतिषाचार्य
निधि भारद्वाज ( एम.ए. ज्योतिष)